दुनिया की सब से बेस्ट शायरी | Duniya ki Sab Se Best Shayri

सब से बेस्ट शायरी

सब से बेस्ट शायरी

ग़म-ए-आशिक़ी से कह दो रह-ए-आम तक न पहुँचे
मुझे ख़ौफ़ है ये तोहमत तेरे नाम तक न पहुँचे

मैं नज़र से पी रहा था तो ये दिल ने बद-दुआ दी
तेरा हाथ ज़िंदगी भर कभी जाम तक न पहुँचे

1 – सब से बेस्ट शायरी

दिन गुज़रता है कहाँ रात कहाँ होती है
दर्द के मारों से अब बात कहाँ होती है

एक से चेहरे तो होते हैं कई दुनिया में
एक सी सूरत-ए-हालात कहाँ होती है

2 – सब से बेस्ट शायरी

हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है

रगों में दौड़ने फिरने के हम नहीं क़ाइल
जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है

3 – सब से बेस्ट शायरी

दूर से देख के मैं ने उसे पहचान लिया
उस ने इतना भी नहीं मुझ से कहा कैसे हो

वो भी इक दौर था जब मैं ने तुझे चाहा था
दिल का दरवाज़ा है हर वक़्त खुला कैसे हो

4 – सब से बेस्ट शायरी

तेरी गली में तमाशा किए ज़माना हुआ
फिर इस के बा’द न आना हुआ न जाना हुआ

कुछ इतना टूट के चाहा था मेरे दिल ने उसे
वो शख़्स मेरी मुरव्वत में बेवफ़ा न हुआ

8 – सब से बेस्ट शायरी

तू अपने फूल से होंठों को राएगाँ मत कर
अगर वफ़ा का इरादा नहीं तो हाँ मत कर

तू जाते जाते न दे मुझ को ज़िंदगी की दुआ
मैं जी सकूँगा तेरे बाद ये गुमाँ मत कर

6 – सब से बेस्ट शायरी

वो देखने मुझे आना तो चाहता होगा
मगर ज़माने की बातों से डर गया होगा

उसे था शौक़ बहुत मुझ को अच्छा रखने का
ये शौक़ औरों को शायद बुरा लगा होगा

7 – सब से बेस्ट शायरी

ऐ दिल-जलो ये अश्क यहाँ देखता है कौन
अहल-ए-जहाँ को इन से सरोकार नहीं है

क्या जाने दर्द-ए-दिल कि ये दुनिया है संग-दिल
ये दर्द यहाँ लाएक़-ए-इज़हार नहीं है

8 – सब से बेस्ट शायरी

रह रह के तेरी याद सताए तो क्या करूँ
तेरा ख़याल दिल से न जाए तो क्या करूँ .

दिन हो कि रात एक मुलाक़ात की है बात
इतनी सी बात भी न बन आए तो क्या करूँ

9 – सब से बेस्ट शायरी

ले चला जान मेरी रूठ के जाना तेरा
ऐसे आने से तो बेहतर था न आना तेरा

अपने दिल को भी बताऊँ न ठिकाना तेरा
सब ने जाना जो पता एक ने जाना तेरा

10 – सब से बेस्ट शायरी

भरम तेरे सितम का खुल चुका है
मैं तुझ से आज क्यूँ शरमा रहा हूँ

जो उन मा’सूम आँखों ने दिए थे
वो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ

11 – सब से बेस्ट शायरी

बेवफ़ा रास्ते बदलते हैं
हम-सफ़र साथ साथ चलते हैं

किस के आँसू छुपे हैं फूलों में
चूमता हूँ तो होंट जलते हैं

उस की आँखों को ग़ौर से देखो
मंदिरों में चराग़ जलते हैं

दिल में रह कर नज़र नहीं आते
ऐसे काँटे कहाँ निकलते हैं

एक दीवार वो भी शीशे की
दो बदन पास पास जलते हैं

वो सितारे मेरे सितारे हैं
जो भरी धूप में निकलते हैं

काँच के मोतियों के आँसू के
सब खिलौने ग़ज़ल में ढलते हैं

12 – सब से बेस्ट शायरी

दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है

आँखों को भी ले डूबा ये दिल का पागल-पन
आते जाते जो मिलता है तुम सा लगता है

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